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गाँधार शैली Gandhar shaili क्या है

 गाँधार शैली  गाँधार शैली क्या है? गांधार शैली भारत की एक प्रसिद्ध और प्राचीन शैली है। यूनानी कला के प्रभाव से देश के पश्चिमोत्तर प्रदेशों (वर्तमान में पाकिस्तान और अफगानिस्तान के कुछ क्षेत्र) में इस शैली का विकास हुआ। इस शैली की विषय-वस्तु भारतीय है और कला शैली यूनानी और रोमन हैं। इसलिए इस शैली को ग्रीको-रोमन, इण्डो- ग्रीक शैली या हिन्दू-यूनानी शैली भी कहा जाता है। यह शैली पहली से ७वीं शताब्दी ईस्वी के बीच मानी जाती है। इस शैली की श्रेष्ठतम रचनाएँ ५० से १५० ईस्वी के बीच मानी जाती है । इस शैली की मूर्तियों में ग्रीन फिलाइट और स्लेटी पत्थरों का प्रयोग किया गया है । इस शैली की अधिकांश मूर्तियां भगवान बुद्ध के जीवन यात्रा से सम्बंधित हैं । कुषाण वंश के शासक कनिष्क के शासन काल में गाँधार कला का विकास तेजी से हुआ । गाँधार कला की कई मूर्तियां लाहौर और पेशावर के संग्रहालयों में आज भी सुरक्षित हैं।  गाँधार शैली की कुछ विशेषताएं  मानव शरीर के मांसपेशियों का बारीकी से अंकन किया गया है और रचना को सुंदर बनाने का प्रयास किया गया। मूर्तियों के शरीर पर के आकर्षक वस्त्रों का सलवटों ...

संधि combination और संधि के प्रकार

 संधि (Combination) और संधि के प्रकार  आज का हमारा topic है संधि जिसकी हम चर्चा करेंगे। संधि यानि combination क्या है  और इसके कितने प्रकार है तो शुरू करते हैं और जानते हैं संधि Combination और संधि के प्रकार के बारे में  संधि क्या है? दो वर्णों के मेल से जो विकार उत्पन्न होते हैं उसे संधि कहते हैं। वर्णों के मेल के कारण उनकी ध्वनि में परिवर्तन आ जाता है। जैसे  देव+आलय = देवालय  देव +इन्द्र  = देवेन्द्र  नमः+कार = नमस्कार  इत्यादि । संधि के प्रकार  संधि के तीन प्रकार हैं  स्वर संधि व्यंजन संधि  विसर्ग संधि  स्वर संधि  जब दो स्वरों का मेल होता है और उनमें जो परिवर्तन होता है उसे स्वर संधि कहते हैं ।  स्वर संधि के पाँच भेद होते हैं  दीर्घ संधि गुण संधि वृद्धि संधि  यण् संधि  अनादि संधि दीर्घ संधि  जब ह्रस्व या दीर्घ अ,इ,उ के बाद ह्रस्व या दीर्घ अ, इ, उ परस्पर  निकट आ जाएँ, तो दोनों को मिलाकर दीर्घ आ,ई,ऊ हो जाते हैं।  Example  विद्या + आलय (आ+आ=आ) - विद्यालय मत+अनुसार (अ+अ=आ) - मतान...

समास और समास के भेद

समास और समास के भेद  समास किसे कहते हैं? जब दो या दो से अधिक शब्द अपने विभक्ति (करक चिन्हों) को छोड़ कर आपस में मिलकर एक शब्द बना लेते हैं तो यह समास कहे जाते है।  उदाहरण  विद्यालय = विद्या का आलय (घर) गंगातट = गंगा का तट रसोईघर = रसोई के लिए घर आदि । समास के भेद  समास के सात भेद है जो इस प्रकार से है तत्पुरूष समास अव्ययीभाव समास  कर्मधारय समास बहुब्रीहि समास द्वन्द्व समास द्विगु समास नञ् समास तत्पुरूष समास  इस समास में  समासिक शब्द का अंतिम पद प्रधान होता है। पहला पद संज्ञा या विशेषण होता हैं। उदाहरण  गगनचुम्बी  - गगन को चूमनेवाला  राजकन्या  - राजा की कन्या  हथकड़ी  - हाथ के लिए कड़ी   रोगमुक्त  - रोग से मुक्त  देशभक्ति  - देश भक्ति  अव्ययीभाव समास  इस समास में सामासिक शब्द का पहला पद प्रधान होता है।  उदाहरण  यथासंभव  - जितना संभव हो  यथार्थ  - अर्थ के अनुसार  हरघड़ी  - प्रत्येक घड़ी प्रतिदिन  - प्रत्येक दिन आजीवन  - जीवन भर के लिए  इत्याद...

अवहट्ट Avhatt भाषा और उत्पत्ति

 अवहट्ट भाषा अवहट्ट भाषा का काल 900 से 1100 ई. के बाद के आस-पास तक मानी जाती है। अवहट्ट भाषा अपभ्रंश के बाद की और आधुनिक भाषा के पहले की भाषा हैं। यानि यह अपभ्रंश और आधुनिक भाषा के बीच की भाषा है। इस भाषा को अवहट्ठ  भी कहा जाता है। अवहट्ट की उत्पत्ति  अवहट्ट से पहले जब अपभ्रंश भाषा का विकास हो रहा था, उसी क्रम में विभिन्न अलग-अलग प्रदेशों की बोलियों का भी विकास हो रहा था और साहित्य भी लिखे जा रहे  थे। इस प्रकार से विभिन्न प्रदेशों की बोलीयों और अपभ्रंश के बीच जिस प्रकार की भाषा उत्पन्न हुई वह अवहट्ट भाषा कही गयी। इसका उपयोग साहित्य लिखने में किया गया।

भारत में बेरोजगारी के कारण

 भारत में बेरोजगारी के कारण और निवारण  भारत में बेरोजगारी के कारण  भारत में बेरोजगारी के कई कारण हैं। जिनमें प्रमुख कारण  निम्नलिखित रूप से हैं - 1. जनसंख्या वृद्धि  भारत में बेरोजगारी के प्रमुख कारणों में से एक कारण है जनसंख्या वृद्धि। जनसंख्या की वृद्धि रोजगार के अवसर के अनुपात में अधिक हैं। जिस कारण हम कह सकते हैं कि जनसंख्या वृद्धि से बेरोजगारी को बढ़ावा मिलता है। 2. कृषि  हम सभी जानते हैं कि भारत एक कृषि प्रधान देश है और भारत की अर्थव्यवस्था का बहुत बड़ा भाग कृषि से ही आता है। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की आजीविका का मुख्य साधन कृषि ही है। फिर भी कृषि कार्य के क्षेत्र में कुछ कमी कुछ अभाव जैसे- भूमि सुधार, तकनीकी अभाव, भूमिधारिता की सीमा आदि के कारण और राजनीतिक एवं प्रशासनिक उदासीनता से भारत कृषि से बेरोजगार हो रहा हैं । 3. शिक्षा प्रणाली  भारत के बेरोजगारी के प्रमुख कारणों में दोषपूर्ण शिक्षा भी एक कारण हैं। दोषपूर्ण शिक्षा का अर्थ है सही तरह की शिक्षा का सही ढ़ंग से छात्रों तक नही पहुंचना। इसके अलावा शिक्षा का अभाव भी दोषपूर्ण शिक्षा ...

राष्ट्रभाषा क्या है

 राष्ट्रभाषा क्या है? हम अक्सर राष्ट्रभाषा, राज्यभाषा और राजभाषा के बारे में सुनते है, और confusion में पड़ जाते है कि ये तीनों एक है या अलग-अलग है, तो आज हम राष्ट्रभाषा के बारे में जानकारी देंगे कि राष्ट्रभाषा क्या है? तो आइये जानते हैं  राष्ट्रभाषा क्या हैं  जब कोई भाषा उन्नत और महत्वपूर्ण बन जाती हैं। पूरे राष्ट्र में अन्य भाषा क्षेत्र के साथ-साथ उसका प्रयोग सार्वजनिक आदि कामों में भी होता है, तो वह राष्ट्रभाषा कही जाने लगती हैं।  उदाहरण के लिए हम अग्रेंजी भाषा को ही लेते है यह व्यापार आदि क्षेत्रों में विश्व के लगभग सभी देशो में बोली जाती है जिस कारण यह अंतरराष्ट्रीय भाषा या विश्व भाषा है। इस प्रकार से राष्ट्रभाषा को हम निम्नलिखित बिन्दुओं में अंकित कर सकते है  राष्ट्रभाषा पूरे राष्ट्र में बोली जाने वाली  और सम्मानित भाषा हैं। राष्ट्रभाषा की मान्यता सार्वजनिक होती है।  इस भाषा की संरचना कार्यालयी नही होती है।  इस भाषा में  अलग-अलग भाषाओं के शब्द भी सहज रूप से शामिल होते रहते है आदि।

राजभाषा Official language क्या है

 राजभाषा(official language) क्या है  कई बार राजभाषा और राष्ट्रभाषा में हम confused हो जाते हैं। आज हम राजभाषा के बारे में बात करेंगे, कि राजभाषा क्या है। राजभाषा किसे कहते हैं? वैसी भाषा जिसका प्रयोग राज्य के कार्यों को करने में किया जाता है वैसी भाषा को राजभाषा कहा जाता है। राजभाषा को ही राज्यभाषा कहा जाता है। इसे कार्यालयी भाषा भी कहा जाता है। भारत की राजभाषा हिन्दी है। राजभाषा के शब्द प्रमाणिक होते है। इस भाषा के शब्द अर्थ भी सुनिश्चित होते है। यह द्विअर्थी भ्रमित करने वाले नहीं होते है। यह बिल्कुल स्पष्ट होते हैं। राजभाषा के लिये निम्नलिखित बिन्दुओं को रेखांकित किया जा सकता है  राजभाषा किसी भी राज्य की राज-काज की भाषा होती है। राजभाषा में विशेष रूप से स्वीकृत किये गये शब्दों का ही प्रयोग किया जाता है।  राजभाषा का स्वरूप कार्यालयी भाषा के रूप में होता है।  इसके शब्द दृढ़ होते है। यानि इसका स्वरूप लचीला नहीं होता है। और पढें  राष्ट्रभाषा क्या है?