गाँधार शैली गाँधार शैली क्या है? गांधार शैली भारत की एक प्रसिद्ध और प्राचीन शैली है। यूनानी कला के प्रभाव से देश के पश्चिमोत्तर प्रदेशों (वर्तमान में पाकिस्तान और अफगानिस्तान के कुछ क्षेत्र) में इस शैली का विकास हुआ। इस शैली की विषय-वस्तु भारतीय है और कला शैली यूनानी और रोमन हैं। इसलिए इस शैली को ग्रीको-रोमन, इण्डो- ग्रीक शैली या हिन्दू-यूनानी शैली भी कहा जाता है। यह शैली पहली से ७वीं शताब्दी ईस्वी के बीच मानी जाती है। इस शैली की श्रेष्ठतम रचनाएँ ५० से १५० ईस्वी के बीच मानी जाती है । इस शैली की मूर्तियों में ग्रीन फिलाइट और स्लेटी पत्थरों का प्रयोग किया गया है । इस शैली की अधिकांश मूर्तियां भगवान बुद्ध के जीवन यात्रा से सम्बंधित हैं । कुषाण वंश के शासक कनिष्क के शासन काल में गाँधार कला का विकास तेजी से हुआ । गाँधार कला की कई मूर्तियां लाहौर और पेशावर के संग्रहालयों में आज भी सुरक्षित हैं। गाँधार शैली की कुछ विशेषताएं मानव शरीर के मांसपेशियों का बारीकी से अंकन किया गया है और रचना को सुंदर बनाने का प्रयास किया गया। मूर्तियों के शरीर पर के आकर्षक वस्त्रों का सलवटों ...
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