समास और समास के भेद
समास किसे कहते हैं?
जब दो या दो से अधिक शब्द अपने विभक्ति (करक चिन्हों) को छोड़ कर आपस में मिलकर एक शब्द बना लेते हैं तो यह समास कहे जाते है।
उदाहरण
विद्यालय = विद्या का आलय (घर)
गंगातट = गंगा का तट
रसोईघर = रसोई के लिए घर
आदि ।
समास के भेद
समास के सात भेद है जो इस प्रकार से है
- तत्पुरूष समास
- अव्ययीभाव समास
- कर्मधारय समास
- बहुब्रीहि समास
- द्वन्द्व समास
- द्विगु समास
- नञ् समास
तत्पुरूष समास
इस समास में समासिक शब्द का अंतिम पद प्रधान होता है। पहला पद संज्ञा या विशेषण होता हैं।
उदाहरण
गगनचुम्बी - गगन को चूमनेवाला
राजकन्या - राजा की कन्या
हथकड़ी - हाथ के लिए कड़ी
रोगमुक्त - रोग से मुक्त
देशभक्ति - देश भक्ति
अव्ययीभाव समास
इस समास में सामासिक शब्द का पहला पद प्रधान होता है।
उदाहरण
यथासंभव - जितना संभव हो
यथार्थ - अर्थ के अनुसार
हरघड़ी - प्रत्येक घड़ी
प्रतिदिन - प्रत्येक दिन
आजीवन - जीवन भर के लिए
इत्यादि ।
कर्मधारय समास
इस समास में सामासिक शब्द के दोनों पदों में समान अधिकरण होते है। इस सामासिक शब्द में एक पद संज्ञा और एक पद विशेषण होता है, या एक पद उपमा और एक पद उपमेय होता है।
उदाहरण
नीलाम्बर - नीला अम्बर
नीलकमल - नीला है कमल
परमेश्वर - परम ईश्वर
नीलगाय - नीली गाय
पुरुषोत्तम - पुरूष उत्तम
इत्यादि ।
बहुब्रीहि समास
इस समास में सामासिक शब्द का जो भी अर्थ होता है वह किसी अन्य पद की प्रधानता को व्यक्त करता है।
उदाहरण
चन्द्रशेखर - चन्द्र है जिसके सिर पर (शिव)
लम्बोदर - लम्बा है जिसका उदर (गणेश)
दशानन - दस है आनन(सिर) है जिसका (रावण)
पीताम्बर - पीत है अम्बर जिसका (विष्णु)
वीणापाणि - वीणा है पाणि में जिसके (सरस्वती)
इत्यादि ।
द्वन्द समास
इस सामासिक शब्द में दोनों पदों की प्रधानता होती है। इस समास में दोनों पद 'और', 'या', 'अथवा ' से जुड़े होते हैं।
उदाहरण
माता-पिता - माता और पिता
भात-दाल - भात और दाल
लोटा-डोरी - लोटा और डोरी
पाप-पुण्य - पाप अथवा पुण्य
भला-बुरा - भला या बुरा
द्विगु समास
इस समास के सामासिक पद का पूर्व पद संख्यावाचक होता है यानि पूर्व पद से संख्या का बोध होता है।
उदाहरण
त्रिभुज - तीन भुजाओं का समूह
त्रिभुवन - तीन भवनों का समाहार
चवन्नी - चार आनों का समाहार
पसेरी - पाँच सेरो का समाहार
पंचवटी - पाँच वोटों का समाहार
आदि ।
नञ् समास
जिस समास से शब्द का नकारात्मक बोध होता है, वह नञ् समास कहलाता है।
उदाहरण
अनमोल - जिसका मोल न हो
अनपढ़ - जो पढ़ा हुआ नहीं हो
अनुचित - जो उचित नहीं हैं
अनजान - जो जाना हुआ नही है
अनुदार - जो उदार नहीं है
आदि ।
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