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भारत में चुनाव सुधार

 भारत में चुनाव सुधार (Electoral reforms in India)

चुनाव संशोधन (जनप्रतिनिधि) अधिनियम 1996 

इस संशोधन के तहत चुनाव कानून में कुछ महत्वपूर्ण परिवर्तन किए गए । जिनमें से कुछ निम्न प्रकार से है-

राष्ट्रीय सम्मान का अपमान करने पर चुनाव लड़ने पर पाबंदी 

राष्ट्रीय सम्मान के अपमान की रोक-थाम सम्बन्धी अधिनियम 1971 के अंतर्गत अपराधी पाए जाने पर उस व्यक्ति के चुनाव लड़ने पर की पाबंदी लगा दी जाएगी। यानि भारत के राष्ट्रीय ध्वज या संविधान का अपमान करने का अपराधी पाए जाने पर या फिर राष्ट्र गान के गायन में बाधा पहुँचाने का अपराध करने पर उस व्यक्ति के चुनाव लड़ने पर पाबंदी लगा दी जाएगी। जिस दिन से वह अपराधी घोषित किया गया, उस तिथि से छह वर्ष तक के लिए व्यक्ति संसद चुनाव या विधानसभा चुनाव लड़ने के अयोग्य समझा जायेगा ।

प्रस्तावक की संख्या में वृद्धि 

संशोधित कानून के तहत यह व्यवस्था की गई है कि जो उम्मीदवार किसी मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय या राज्य स्तरीय दल का नही है वह संसद या विधानसभा में नामजदगी के लिए नामांकन तभी दाखिल कर सकता है जब उसके नाम का प्रस्ताव उस निर्वाचन क्षेत्र के कम से कम 10 मतदाताओं द्वारा किया जाए। वही किसी मान्यता प्राप्त दल के उम्मीदवार के लिए एक ही प्रस्तावक की आवश्यकता होती है ।

नाम वापस लेने और चुनाव तिथि के बीच अन्तर में कमी

संशोधित कानून के अंतर्गत चुनाव से नाम वापस लेने और मतदान करने की तारीख के बीच न्यूनतम अवधि को घटाकर 20 दिन से 14 दिन कर दी गई है ।

दो से अधिक निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव नहीं लड़ना

संशोधित कानून के तहत कोई भी उम्मीदवार आम चुनाव या साथ-साथ होना वाले उपचुनाव में दो संसदीय या विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से एक साथ चुनाव नहीं लड़ सकते है। राज्यसभा और राज्य विधान परिषद् के लिए होने वाले द्विवार्षिक चुनावों और उपचुनावों के लिए भी इस प्रकार का ही प्रतिबंध है।

जमानत (सुरक्षा) राशि में वृद्धि 

संसद या राज्य विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार द्वारा जमा की जाने वाली राशि में वृद्धि की गई है। संशोधन अधिनियम 1916 के अंतर्गत संसदीय चुनाव के लिए सामान्य वर्ग के उम्मीदवार के लिए जमानत राशि 500 से बढाकर 10 हजार और अनुसूचित जाति/जनजाति के लिए 250 से बढाकर 5हजार रूपये कर दिये गये । उसी प्रकार राज्य विधानसभा चुनाव के लिए सामान्य वर्ग के उम्मीदवार के लिए 250 से बढाकर 5 हजार रूपये और अनुसूचित जाति और  अनुसूचित के लिए जमानत राशि 125 से बढाकर 2500 रूपये कर दी गई।

उम्मीदवारों के नामों की सूची बनाने का तरीका 

उम्मीदवारों के नामों की सूची बनाने में और मतपत्रों में इनके नामों का उल्लेख करने में क्रम का अनुसरण किया जायेगा जो निम्नलिखित रूप में होंगे 
  1. मान्यता प्राप्त दलों के उम्मीदवार 
  2. पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल के उम्मीदवार 
  3. अन्य यानि निर्दलीय उम्मीदवार 

उम्मीदवार की मृत्यु के बाद चुनाव रद्द नही होगा 

इस चुनाव संशोधन से पहले चुनाव के दौरान किसी उम्मीदवार की मृत्यु हो जाने पर चुनाव रद्द कर दिया जाता था । लेकिन इस संशोधन के अंतर्गत ऐसी स्थिति में चुनाव रद्द नही होगा । इसके साथ यह भी प्रावधान किया गया है कि मृत उम्मीदवार अगर किसी मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय या राज्य स्तरीय दल का है तो उस दल से इस सम्बन्ध में निर्वाचन आयोग द्वारा नोटिस जारी करने के एक सप्ताह के भीतर अपने किसी दूसरे उम्मीदवार को नामजद कर दे ।

मतदान के दिन वेतन सहित अवकाश 

ऐसे सभी पंजीकृत मतदाता जो किसी व्यवसाय, व्यापार, औद्योगिक संस्थान या अन्य प्रतिष्ठान में कार्य करते हैं, मतदान के लिए सवेतन छुट्टी पाने के अधिकारी हैं। यह उस मतदाता पर लागू नही होंगे जिसकी अनुपस्थिति से किसी संस्थान को कोई खतरा या कोई बड़ा नुकसान होने का डर हो, जिसमें वह कार्य करता है। इस कानून का उल्लंघन करने वाले मालिक पर 500 रूपये का जुर्माना किया जा सकता है ।

शराब बिक्री पर प्रतिबंध 

मतदान क्षेत्र के पास किसी भी दुकान में, खानपान वाले जगह पर या किसी भी अन्य जगह पर चाहे वह नीजी हो या सार्वजनिक वहां पर शराब या कोई भी अन्य नशीले पदार्थों को बेचना , बांटना या परोसने अवैध माना जायेगा । इस कानून का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति को छह माह की सजा या दो हजार रूपये तक का जुर्माना या फिर दोनों की सजा हो सकती है ।

सशस्त्र जाने पर पाबंदी 

मतदान केंद्र के आस-पास किसी भी प्रकार के हथियार लेकर जाना गंभीर अपराध माना जाएगा । ऐसे मामलों में दो साल तक की सजा और जुर्माने अथवा दोनों का प्रावधान है । हथियार का लाइसेंस भी रद्द कर दिया जाएगा । मतदान केंद्र पर शान्ति व्यवस्था बनाये रखने के लिये नियुक्त अधिकारियों या ऐसे अन्य व्यक्तियों पर यह लागू नहीं होगा ।

उपचुनाव के लिए समय सीमा 

संसद या  राज्य विधानसभा के किसी भी सदन में जगह खाली रहने पर उसे भरने के लिए छह माह के भीतर उपचुनाव कराना होगा । लेकिन यह व्यवस्था उस स्थिति में लागू नही होगी ,जब उस सदस्य जिसकी जगह खाली है कि सदस्यता मात्र एक वर्ष रह गई हो। यह उस समय भी लागू नही होगी जब निर्वाचन आयोग केन्द्र सरकार की सलाह से यह प्रमाणित कर दे कि निर्धारित समय पर चुनाव कराना सम्भव नहीं है ।


भारत में चुनाव संशोधन अधिनियम - 1997

इस अधिनियम के अंतर्गत राष्ट्रपति का चुनाव लड़ने के लिए प्रस्तावक और प्रस्ताव का समर्थन करने वाले की संख्या 10 से बढाकर 50 कर दी गई । वही उपराष्ट्रपति पद के लिए 5 से बढाकर 20 कर दी गई । राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति पदों के उम्मीदवार को बतौर जमा राशि पहले ढाई हजार रूपये निर्धारित थे लेकिन इस संशोधन में उसे बढाकर 15 हजार रूपये कर दी गई ।

भारत में चुनाव संशोधन अधिनियम- 2010

जमानत (सुरक्षा) राशि 

इसके अंतर्गत लोकसभा चुनाव लड़ने वाले सामान्य वर्ग के उम्मीदवार के लिए जमानत राशि 25 हजार और अनुसूचित जाति/जनजाति के लिए 12500 रूपये कर दी गई । उसी प्रकार राज्य विधानसभा चुनाव के लिए सामान्य वर्ग के उम्मीदवार के लिए 10000 रूपये और अनुसूचित जाति और  अनुसूचित के लिए जमानत राशि 5000 रूपये कर दी गई ।

अपीलीय प्राधिकरण 

यदि कोई उम्मीदवार निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारीके निर्णय से संतुष्ट नही है तो वह जिले के भीतर सबसे पहले मजिस्ट्रेट, अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट, कार्यकारी मजिस्ट्रेट ता कलेक्टर और बाद में निर्वाचन अधिकारी के पास अपील दायर कर सकता है ।

विदेश में रहने वाले भारत के नागरिकों को मतदान करने का अधिकार 

विदेशों में रहने वाले वैसे भारतीय जिन्होंने किसी दूसरे देश की नागरिकता प्राप्त नहीं की है, वे भारत में मतदान करने के पात्र होंगे ।

एग्जिट पोल प्रतिबंध 

चुनाव आयोग चुनाव परिणाम के लिए एक विशेष समयावधि की घोषणा करता है । इस दौरान एग्जिट पोल आयोजित या घोषित करने पर प्रतिबंध लगा दिया जाता है ।

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